7/19/2010

हिचकियों से एक बात.....

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हिचकियों से एक बात का पता चलता है,

कि कोई हमे याद तो करता है,

बात न करे तो क्या हुआ,

कोई आज भी हम पर कुछ लम्हें बरबाद तो करता है

ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नहीं होती,


हर बात समझाने के लिए नहीं होती,

याद तो अक्सर आती है आप की,

लेकिन हर याद जताने के लिए नहीं होती

महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है,


मिलन न सही जुदाई तो मिलती है,

कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नहीं मिलता,

वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है


कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है


प्यास भुजती नहीं बरसात गुज़र जाती है

अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे

नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है

उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,


वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,

सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,

लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं

कभी कभी दिल उदास होता है


हल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता है

छलकती है मेरी भी आँखों से नमी

जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है.....

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