5/10/2010

जीतने नहीं हारने के लिए खेले....

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कहा जाता है कि अगर आप में जीत का जजबा हो तो जीत आप की होकर ही रहती है.....लेकिन जब हम हार के इरादे से मैदान में जायेगे तो हमारा हारना बिल्कुल तय है....कुछ इसी इरादे के साथ हमारी टीम इंडिया टी-20 विश्व कप में हिस्सा लेने वेस्टइंडीज गई थी.....यह सुनकर कितना हास्यास्पद लगता है कि हमारी टीम इंडिया टी-20 विश्व कप में हिस्सा लेने बिना किसी तैयारी के पहुंच गयी थी। टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी पिछले डेढ महीने से आईपीएल के थकाऊ सत्र के बाद सीधे वेस्टइडीज जा पहुचे....जिसका परिणाम यही रहा कि भारतीय टीम लीग मैचों को बाद किसी तरह से सुपर-8 में तो पहुचने में कामयाब रही...लोकिन वो सुपर-8 में एक मैच के बाद सारे मैच हार कर सेमीफाइनल के दौर से बाहर जा पहुंची। पहले टी-20 विश्व कप का सरताज रही टींम इंडिया इस बार सेमीफाइनल तक नहीं पहुच सकी.....जिसकी वजह आईपीएल में खेलने के कारण खिलाडियों की थकान और इंजरी को माना जा रहा है....टीम इंडिया 2007 पहला टी-20 विश्व कप जब जीता था तो आईपीएल का संस्करण की शुरुआत भारत में नहीं हुई थी......और भारतीय खिलाड़ी जीत के इरादे से टी-20 फारमेंट विश्व कप को खेलने पहुचे थे..... लेकिन आईपीएल के शुरु होने क बाद टी-20 फांरमेट में खेलने से खिलाड़ियों में और अनुभव होना चाहिए.... लेकिन आईपीएल में खिलाड़ियों को ज्यादा खेल की वजह से थकान और इंजरी होना वाजिब है। गौरतलब है कि बीसीआईसीआई ही खेल के सारे कार्यक्रमों को बनाता है तो इस बात का उन्हें ख्याल रखना चाहिए की खिलाड़ियों को आराम करने का समय मिल सके.....धोनी, ज़हीर जैसे खिलाड़ी अपनी इंजरी को छिपाते हुए विश्व कप में खेलने जा पहुंचे है.....विश्व के सबसे धनी बोर्डो में बीसीआईसीआई को इस तरह से वयस्त कार्यकर्मो को खिलाड़ियों पर नहीं थोपने चाहिए...सिर्फ कमाई के लिए मैच खेलने की नीति को बदलना पड़ेगा.....खिलाड़ियों की थकान या इंजरी की बात करे तो इस का उदाहरण टीम इंडिया की आगामी जिम्बाम्बे दौरे की घोषित टीम से मिल सकता है....जिसमें खुद कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने आराम करने की इच्छा जताई है...साथ ही सचिन ने भी दौरे पर जाने से इंकार किया...तो बीसीआईसीआई ने सुरेश रैना को टीम की कमान थमा दी......वही टी-20 विश्व कप में अब थकी हारी भारतीय टीम को एक चमत्कार की उम्मीद है कि श्रीलंका को बड़े अन्तर से हराये और साथ ही साथ ये दुआ करनी होगी कि आस्ट्रेलिया वेस्टइडीज को हरा दे तभी टीम इंडिया को सेमीफाइनल में खेलने का मौका मिल सकता है......जो कि सिर्फ एक सपना ही लग रहा है टीम इंडिया के लिए...... लेकिन हम अपनी टीम की कमजोरियों को पहचाने और उसे हल करने को कोशिश करे तो बेहतर रहेगा.... कब तक हम भाग्य भरोसे जीतने और लाज बचाने की कोशिश करगे......आईपीएल में कमाई को छोड़कर बीसीआईसीआई और खिलाडियों को देश के लिए होने वालो मैचों में अपने परफारमेंस पर ध्यान देना होगा.....नहीं तो जीत सिर्फ हमारी टीम के लिए एक सपना रह जायेगा....





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