3/10/2010

अब आम सहमति के नाम पर टालमटोल.........

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राज्य सभा में महिला आरक्षण बिल पर जिस गहमागहमी और जल्दबाजी में सरकार ने पारित करवाया इससे यही जान पड़ता था कि ये बिल जल्द ही पास हो जायेगा। लेकिन अब जिस तरह महिला आरक्षण बिल को लेकर संसद के अन्दर और बाहर हंगामा हो रहा है सरकार सहम चुकी है। महिला आरक्षण बिल को लेकर विरोध का स्वर जिन पार्टियों के तरफ से उठ रही है वो किसी भी कीमत पर इस बिल को लोक सभा में पारित नहीं होने देना चाहते है..... इस कड़ी में लालू, मुलायमऔर शरद यादव बार- बार संसद में इस बिल का विरोध कर रही रहे है....साथ ही साथ वो संसद के बाहर प्रधानमंत्री मनमोहन लिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस मामले का कोई सर्वमान्य हल की बात कह रहे है। महिला आरक्षण बिल का मामला अभी तो कुछ दिनो के लिए टलता नज़र आ रहा है..... अब सरकार भी आम सहमति की बात कह रही है.....आज लोक सभा में प्रवण मुखर्जी ने कहा कि वो आम सहमति के बाद ही इस बिल को लोक सभा में पेश करगी। महिला आरक्षण विधेयक पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद और जदयू के अध्यक्ष शरद यादव की आपत्तियों का जवाब देते हुए मुखर्जी ने लोकसभा में कहा कि सभी मतभेदों को सुलझाने और आम सहमति बनाने के बाद ही सरकार महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पेश करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने पहले भी महिलाओं के आरक्षण के मुद्दे पर आम सहमति कायम करने की कोशिश की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। मुखर्जी ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने में कोई एतराज नहीं है और इस मसले पर प्रधानमंत्री भी इन नेताओं से बात कर चुके है। मुखर्जी ने कहा कि किसी भी विधेयक पर निर्णय संसद के सदस्यों द्वारा संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही लिया जाना चाहिए। लेकिन सरकार जिन बातों को लेकर आम सहमति की बात कर रही है दरअसल हकीकत कुछ और ही है...... कांग्रेस सरकार अपने पार्टी हो रही गुटबाजी के स्वर को भाप कर इस तरह की बात कह रही है..... कांग्रेस के कुछ नेता खुले तौर पर महिला आरक्षण बिल के मौजूदा स्वरुप को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.....यानि अब इस बिल पर जो कुछ हो रहा है उसे तो यही कहा जा सकता है कि राज्य सभा में बिल पास होने के बाद अब राजनीति शुरु हो चुकी है....... वहीं बीजेपी महिला बिल का लोक सभा में समर्थन की बात तो कह रही है......लेकिन बीजेपी के कुछ सांसद इस बिल के विरोध में खड़े हो गये है.........इसी विरोध के स्वर को भापते हुए बीजेपी ने अपने संसद सदस्यों के लिए व्हिप जारी करने का मन बना लिया है। अब बीजेपी और कांग्रेस के लिए महिला आरक्षण बिल पास कराना ढेडी खीर बनता जा रहा है.......जो इस बिल को पूरी तरह से समर्थन कर रहे थे...... अब आम लहमति बनाने का मन सरकार बना चुकी है....और संसद की कार्यवाही 13 मार्च के बाद एक महीने के लिए बन्द हो जायेगी....यानि अब ये बिल एक महीने के लिए तो टल ही जायेगा ऐसे हालात बनते नज़र आ रहे है। आखिर सरकार को इस बात का अंदाजा तो पहले ही था कि कुछ पार्टियां इसका विरोध कर रही है.....तो सरकार को राज्य सभा में इस बिल को बिना बहस पास करवाने की जल्दी क्या थी......पहले ही क्यों ना इस पर आम महमति बनाने की कोशिश की गयी.... क्या सरकार महिला के हितों की हिमयती का नाटक मात्र कर रही थी...... सवाल तो बहुत है जिसका जबाज आम लोग सरकार से चाहते है......लेकिन अहम बात ये है कि महिला आरक्षण बिल अब आम सहमति के नाम पर टलता नज़र आ रहा है....

1 टिप्पणी:

  1. अच्छा लेख है। यह बिल पास होना दूर की कौड़ी है.........
    amitraghat.blogspot.com

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