4/27/2010

फोन टैप हो रहा है भाई.......

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पिछले हफ्ते हमारी संसद में आईपीएल का मैच खेला जा रहा था......जिसके कारण सदन की कार्यवाही में बार-बार ब्रेक लिया जा रहा था.....जी हम बात कर रहे है संसद में आईपीएल मुद्दे को लेकर उस गहमागहमी की जिस के कारण सदन के काम को विपक्ष द्दारा बार-बार गतिरोध पैदा किया गया.....इस मैच में कहे तो विपक्ष हॉवी रहा और सरकार को अपनी हार माननी पड़ी.... और अपने एक सिपहसलाहकार को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा....जी हॉ सरकार ने शशि थरुर की अपने मंत्री मंडल से विदाई करनी पड़ी..... विपक्ष की इस जीत के बाद सदन की कार्यवाही ठीक से चलने के आसार बन गये थे.... लेकिन विपक्ष के पास एक और मुद्दा हाथ लग गय..... एक पत्रिका ने दावा किया की यूपीए सरकार की तरफ से कुछ राजनेताओं के फोन पिछले कुछ सालों में किये गये.... अब क्या था विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना का एक सुनहरा मौका हाथ लग गया.... विपक्ष फोन टैपिंग को लेकर सदन में बार-बार हंगामें खड़े कर रही है.... और इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सदन में स्पष्टीकरण की मॉग कर रहा है.......लेकिन प्रधानमंत्री ने सदन से बाहर इस मसले पर बयान देना मुनासिफ समझा......जिसे लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री पर सदन की अवमानना का आरोप लगा दिया.......विपक्ष का ये कहना है कि सदन की कार्यवाही चलते समय प्रधानमंत्री ने सदन की गरिमा को अपमानित किया है...उन्हें सदन में अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए था, लेकिन वो ऐसा ना कर के सदन को अपमानित किया। फोन टैपिंग मामले को लेकर सदन की कार्यवाही पिछले तीन दिनों से नहीं चल रही है......इसी बीच सरकार के खिलाफ कटौती प्रस्ताव को लेकर सदन में काफी गहमागहमी रही...लेकिन सरकार को बीएसपी का ममर्थन मिलने के कारण सरकार को इस में जीत तो मिल गयी। वही केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम यह मानने को तैयार नहीं हैं कि कुछ नेताओं के फोन टैप किए जा रहे हैं। यह बात दीगर है कि उन्होंने इसकी जाच की भी बात कही है। उनका बयान है कि अगर जाच में ऐसा कुछ सामने आया तो कार्रवाई होगी। सवाल है कि अगर फोन टैप हुआ ही नहीं तो फिर जाच करने की जरूरत क्या है? इसका उत्तर सरकार के पास नहीं है। फोन टैपिंग के बारे में गृहमंत्री से ज्यादा अधिकृत वक्तव्य और किसी का नहीं हो सकता है। आखिर किसी का फोन टैप करने के लिए पुलिस और जाच एजेंसियों को गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए किसका फोन टैप हो रहा है, इसकी जानकारी गृहमंत्री के पास होनी चाहिए.... कहा जा सकता है कि चूंकि यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है.....इसलिए सरकार अपनी स्थिति साफ करने के लिए जाच करा रही है..... संभवत: यह राजनीतिक हमलों की धार कुंद करने की रणनीति हो, लेकिन यह विचार करने की जरूरत है कि क्या कृषि मंत्री शरद पवार के साथ काग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, माकपा महासचिव प्रकाश करात सहित कुछ नेताओ के फोन टैप किए जाने के आरोपों पर विश्वास करने का पर्याप्त आधार मौजूद है? .....सरकार द्वारा नेताओं और विरोधियो की फोन टैपिंग को लेकर हमारे देश में पहले भी हंगामे हुए हैं। राजीव गाधी के प्रधानमंत्रीत्व काल में यह मामला काफी गरमाया था। पहले विश्वनाथ प्रताप सिंह ने आरोप लगाया था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और उसके बाद अरुण नेहरू ने। यह बात अलग है कि सरकार में आने के बाद ये नेता इस आरोप को भूल गए..... अग हम बात कर फोन टैपिंग की तो आज फोन टैप करना आसान है.... बस एक जीएसएम डिवायस की आवश्यकता है....लेकिन इस के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है.... एनडीए सरकार के कार्यकाल में आतंकियों का ध्यान रखते हुए नेशनल टेक्नोलाजी रिसर्च आर्गनाइजेशन की स्थापना हुई और सरकार के स्तर पर फोन टैपिंग की शीर्ष तकनीकी इकाई यही है। वही इस मामले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा में आपातकाल की 20वीं वर्षगांठ 25 जून 1975 को अटल बिहारी वाजपेयी के एक वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने इसी सदन में उनका, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सहित कुछ नेताओ और पत्रकारों के फोन टैप किए जाने का आरोप लगाते हुए आपातकाल की याद को दोहराया.....लेकिन वाजपेयी खुद प्रधानमंत्री हुए और आडवाणी गृह मंत्री....तो आखिर दोनों चाहते तो फोन टैप से संबंधित आरोपों का सच सामने रख सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया...लेकिन इस बार जिन लोगों के फोन टैपिंग की बात सामने आ रही है उनसे सरकार को कोई खास खतरा नहीं दिखता फिर इस तरह की बातों की सच्चाई पर थोड़ा शक जरुर खड़ा हो रहा है..... आखिर जो भी हो इस मामले पर सरकार और विपक्ष को सोचने की जरुर है कि इस तरह के मामले की पुनरावृत्ति दुबारा ना हो....और जिस तरह से सदन पर इस मामले को लेकर हंगामा मच रहा है ये लोकतंत्र की गरिमा के लिए कहा तक जायज़ ठहराया जा सकता है....... हम तो यही कहेगें कि फोन टैप हो रहा है भाई......ज़रा सम्भल कर बात करो.......

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